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अंधेरों में भी रौशनी सी मुस्कान तेरे,
तेरे इस मुस्कान को निहार लेने दे,
मुझे तू, हक़ीक़त में अपना ना सही,
पर ख्वाबों में तो अपना कह लेने दे..
एक तो तुम हसीन इतने हो,
उस पर अलफ़ाज़ भी रखते हो,
तुम ही कहो कोई क्यों ना दिल हारे,
दिलकश शायराना अंदाज़ भी रखते हो।
तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद,
जुदाई ना पाए कोई मुलाकात के बाद,
ना पड़े किसी को किसी की आदात इतनी,
कि हर सांस भी आए उसकी याद के बाद..
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जब तुम पर बीतेगी
तो तुम भी जान जाओगी
की कोई जब अपना नजर अंदाज
करता है तो कितना दर्द होता हैं…
मेरी साँसों को भी आज टूट जाने दे ए-खुदा,
मेरे ख्वाबों की तरह, उसके वादों की तरह,
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में,
रुह तक गिरवी है मेरी, तेरी चाहत में..