Categories
Shayari

Sad Shayari

Sad Shayari

सुकून अपने दिलका मैंने खो दिया,
खुद को तन्हाई के समंदर मे डुबो दिया,
जो थी मेरे कभी मुस्कराने की वजह,
आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया.

न वो आ सके न हम कभी जा सके,
न दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे है यादों में उनकी,
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!!

जिंदगी देने वाले, मरता छोड़ गये,
अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,
जब पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की,
वो जो साथ चलने वाले रास्ता मोड़ गये।

बहुत चाहा उसको जिसे हम पा न सके,
ख्यालों में किसी और को ला न सके.
उसको देख के आंसू तो पोंछ लिए,
लेकिन किसी और को देख के मुस्कुरा न सके…

तेरे इंतज़ार में यह नज़रें झुकी हैं;
तेरा दीदार करने की चाह जगी है;
न जानूँ तेरा नाम, न तेरा पता;
फिर भी न जाने क्यों इस पागल दिल में;
एक अज़ब सी बेचैनी जगी है!

सर झुकाने की आदत नहीं है,
आँसू बहाने की आदत नहीं है,
हम खो गए तो पछताओगे बहुत,
क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है!

मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे,
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे.

अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी है,
जिस चीज़ की चाह है वो ही बेगानी है,
हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए,
वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है।

मैंने जिन्दगी से पूछा..
सबको इतना दर्द क्यों देती हो?
जिन्दगी ने हंसकर जवाब दिया..
मैं तो सबको ख़ुशी ही देती हु,
पर एक की ख़ुशी दुसरे का दर्द बन जाती है!!

समेट कर ले जाओ..
अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..
इनकी ज़रूरत पड़ेगी।

दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया,
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया,
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने,
यूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।

अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,
उनसे क्या गिला करें.. भूल तो हमारी थी,
जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।

हम रूठे तो किसके भरोसे,
कौन आएगा हमें मनाने के लिए,
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको..
पर दिल कहाँ से लाये..
आप से रूठ जाने के लिए!

तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को,
इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।

गम इस बात का नही कि तुम बेवफा निकली,
मगर अफ़सोस ये है कि,
वो सब लोग सच निकले,
जिनसे मैं तेरे लिए लड़ा करता था!

हर बात में आंसू बहाया नहीं करते,
दिल की बात हर किसी को बताया नहीं करते,
लोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते है..
दिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते।

तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है,
हर पल अधूरी सी लगती है,
अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दे,
क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की मेहमान सी लगती है।

उसके चले जाने के बाद..
हम महोबत नहीं करते किसी से..
छोटी सी जिन्दगी है..
किस किस को अजमाते रहेंगे!

सुकून अपने दिलका मैंने खो दिया,
खुद को तन्हाई के समंदर मे डुबो दिया,
जो थी मेरे कभी मुस्कराने की वजह,
आज उसकी कमी ने मेरी पलकों को भिगो दिया.

मेरी वफ़ा की कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता!

टूटा हो दिल तो दुःख होता है,
करके मोहब्बत किसी से ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जब किसी से मोहब्बत हो और उसके दिल में कोई और होता है।

न वो आ सके न हम कभी जा सके,
न दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे है यादों में उनकी,
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके !!

उनकी मोहब्बत का अभी निशान बाकी हैं,
नाम लब पर हैं मगर जान अभी बाकी हैं,
क्या हुआ अगर देख कर मूंह फेर लेते हैं वो..
तसल्ली हैं कि अभी तक शक्ल कि पहचान बाकी हैं!

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!

उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है!

सिर्फ इतना ही कहा है, प्यार है तुमसे,
जज्बातों की कोई नुमाईश नहीं की,
प्यार के बदले सिर्फ प्यार मांगती हूँ,
रिश्ते की तो कोई गुज़ारिश ही नहीं की.

जिनकी आंखें आंसू से नम नहीं,
क्या समझते हो उसे कोई गम नहीं,
तुम तड़प कर रो दिये तो क्या हुआ,
गम छुपा के हंसने वाले भी कम नहीं..

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!

रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.

महफिल में मुस्कुराना मेरा मिजाज बन गया,
तन्हाई में रोना भी एक राज बन गया,
दिल के जख्म को चेहरे से जाहिर न होने दिया,
यही जिन्दगी में मेरे जीने का अंदाज बन गया.

अभी सूरज नहीं डूबा जरा सी शाम होने दो,
मैं खुद लौट जाऊंगा मुझे नाकाम तो होने दो,
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूंढ़ता है जमाना,
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले मेरा नाम तो होने दो..

प्यार क्या होता है हम नहीं जानते,
ज़िन्दगी को हम अपना नहीं मानते,
गम इतने मील के एहसास नहीं होता,
कोई हमें प्यार करे अब विश्वास नहीं होता.

दर्द से दोस्ती हो गई यारों,
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों,
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।

कशिश तोह बहुत है मेरे प्यार मैं,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलाता नहीं,
अगर मिले खुद तो माँगूंगी उसको,
सुना है ख़ुदा मरने से पहले मिलते नहीं.

आप से दूर हो कर हम जायेंगे कहा,
आप जैसा दोस्त हम पाएंगे कहा,
दिल को कैसे भी संभाल लेंगे,
पर आँखों के आंसू हम छुपायेंगे कहा.

न पूछो हालत मेरी रूसवाई के बाद,
मंजिल खो गयी है मेरी, जुदाई के बाद,
नजर को घेरती है हरपल घटा यादों की,
गुमनाम हो गया हूँ गम-ए-तन्हाई के बाद!!

इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुस्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है!

गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया!
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया!
थक के जब सितारों से पनाह ली!
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया!

चाहत वो नहीं जो जान देती है,
चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है,
ऐ दोस्त चाहत तो वो है,
जो पानी में गिरा आंसू पहचान लेती हैं.

ज़िन्दगी मिलती हैं एक बार
मौत आती हैं एक बार
दोस्ती होती हैं एक बार
प्यार होता हैं एक बार
दिल टूटता हैं एक बार
जब सब कुछ होता हैं एक बार
तो फिर आपकी याद क्यों आती हैं बार बार!!

जिस जिस ने मुहब्बत में,
अपने महबूब को खुदा कर दिया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,
उनको जुदा कर दिया.

परछाई आपकी हमारे दिल में है,
यादे आपकी हमारी आँखों में है,
कैसे भुलाये हम आपको,
प्यार आपका हमारी साँसों में है.

प्यार किया बदनाम हो गए,
चर्चे हमारे सरेआम हो गए,
ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,
जब हम उसके गुलाम हो गए.

मुहब्बत में सच्चा यार न मिला,
दिल से चाहे हमें वो प्यार न मिला।
लूटा दिया उसके लिए सब कुछ मैने,
मुसीबत में मुझे मददग़ार न मिला।

मौहब्बत की मिसाल में,
बस इतना ही कहूँगा ।
बेमिसाल सज़ा है,
किसी बेगुनाह के लिए ।

बिन बात के ही रूठने की आदत है,
किसी अपने का साथ पाने की चाहत है,
आप खुश रहें, मेरा क्या है..
मैं तो आइना हूँ, मुझे तो टूटने की आदत है।

ये बेवफा वफा की कीमत क्या जाने!!
है बेवफा गम-ऐ मोहब्बत क्या जाने!!
जिन्हे मिलता है हर मोड पर नया हमसफर!!
वो भला प्यार की कीमत क्या जाने!!

इश्क़ सभी को जीना सिखा देता है,
वफ़ा के नाम पर मरना सीखा देता है,
इश्क़ नहीं किया तो करके देखो,
ज़ालिम हर दर्द सहना सीखा देता है!

कुछ लोग कहते है की बदल गया हूँ मैं,
उनको ये नहीं पता की संभल गया हूँ मैं,
उदासी आज भी मेरे चेहरे से झलकती है,
पर
अब दर्द में भी मुस्कुराना सीख गया हूँ मैं.

जिनके दिल पे लगती है चोट..
वो आँखों से नही रोते,
जो अपनो के ना हुए..
किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है..
की सपने टूट जाते हैं पर पूरे नही होते.

हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले,
है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कुसूर इसमें,
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िन्दग़ी से पहले।

रहते हैं आस-पास ही
लेकिन साथ नहीं होते…
कुछ लोग जलते हैं मुझसे
बस खाक नहीं होते.

इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं।

एक अजीब दास्तान है मेरे अफसाने की..
मैने पल पल कोशिश उसके की पास जाने की,
किस्मत थी मेरी या साजिश थी ज़माने की,
दूर हुई मुझसे इतना जितनी उमीद थी करीब आने की.

आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है
न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है
यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का
उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं.

तेरी चाहत में हम ज़माना भूल गये,
किसी और को हम अपनाना भूल गये,
तुम से मोहब्बत हैं बताया सारे जहाँ को,
बस एक तुझे ही बताना भूल गये..

हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भूलने से पहले,
बहुत रोई हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले.

मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता हे,
कुछ अपनी तफलीक से डर लगता हे.
जो मुझे तुजसे जुदा करते हे,
हाथ कि वो लकीरो से डर लगता हे.

हम सिमटते गए उनमें और वो हमें भुलाते गए,
हम मरते गए उनकी बेरुखी से, और वो हमें आजमाते गए,
सोचा की मेरी बेपनाह मोहब्बत देखकर सीख लेंगी वफाएँ करना,
पर हम रोते गए और वो हमें खुशी खुशी रुलाते गए..!!

गुजारिश हमारी वह मान न सके,
मज़बूरी हमारी वह जान न सके,
कहते हैं मरने के बाद भी याद रखेंगे,
जीते जी जो हमें पहचान न सके.

हर भूल तेरी माफ़ की..
हर खता को तेरी भुला दिया..
गम है कि, मेरे प्यार का..
तूने बेवफा बनके सिला दिया|

टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता,
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता,
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता,
की टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता!

तेरे दिल के करीब आना चाहता हूँ मैं,
तुझको नहीं और अब खोना चाहता हूँ मैं,
अकेले इस तनहाई का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
तू एक बार आजा तुझसे लिपट कर रोना चाहता हूँ मैं..

खुश नसीब होते हैं बादल,
जो दूर रहकर भी ज़मीन पर बरसते हैं,
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी..
मिलने को तरसते हैं.

जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं,
झूठा ही सही मेरे यार का वादा है,
हम सच मान कर ऐतबार करते हैं..

एक दिन हम आपसे इतने दूर हो जायेंगे,
के आसमान के इन तारो में कही खो जायेंगे,
आज मेरी परवाह नहीं आपको,
पर देखना एक दिन हद से ज्यादा.. हम आपको याद आएंगे!!

दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते,
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते,
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ,
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!

ना मिलता गम तो बर्बादी के अफसाने कहाँ जाते,
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते,
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई ग़ैर तो निकला,
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते।

हमसे पूछो क्या होता है पल पल बिताना,
बहुत मुश्किल होता है दिल को समझाना,
यार ज़िन्दगी तोह बीत जायेगी,
बस मुश्किल होता है कुछ लोगो को भूल पाना.

यूँ पलके बिछा कर तेरा इंतज़ार करते है,
यह वो गुनाह है जो हम बार बार करते है,
जलकर हसरत की राह पर चिराग,
हम सुबह और शाम तेरे मिलने का इंतज़ार करते है.

एक दिन जब हम दुनिया से चले जायेंगे,
मत सोचना आपको भूल जायेंगे,
बस एक बार आसमान की तरफ़ देख लेना,
मेरे आँसू बारिश बनके बरस जायेंगे.

कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए,
जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए,
एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा,
जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए.

लगे है फोन जबसे​ ​तार भी नहीं आते​​,
​बूढी आँखों के अब मददगार भी नहीं आते​​,
​​गए है जबसे शहर में कमाने को लड़के​​,
​​हमारे गाँव में त्यौहार भी नहीं आते।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Exit mobile version